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Showing posts from December, 2025

सांस फूलना क्या है ? सांस क्यों फूलता है ?

सांस फूलना क्या है ? सांस क्यों फूलता है ?   सांस लेना जीबन को बनाये रखनी बालि मुलभुत क्रिय है ,हमारे अस्तित्व के लिए इतनी अन्तर्निहित प्रक्रिया है की इसका  महत्व अक्सर ओन देखा हो जाता है ,जब तक की यह समझौता न हो जाये ,डिस्पेनिया या सांस की तकलीफ,हमारे जीबन मैं सांस लेने की महत्वपूर्ण भूमिका की एक स्पस्ट याद दिलाती है,इस लेख मैं हम डिस्पेनिआ  की  जटीलताओं का पता  लगते है,इसके बिबिध अभीब्यक्तियों ,कारणों  ट्रिगर्स और राहत के लिए राणनीतियों को कबर करते है। आईये बिकार  सुरु करके सुरु करे .  सांस फूलना क्या है ?  डिस्पेनिआ  जिसे आम तर पर सांस की तकलीफ के रूप मैं जना जाता है , साँस लेने मैं तकलीफ या कठीनाई के एक ब्यक्तिपरक अनुभूति है . सांस फूलने हबा की कमी या अपर्याप्त बायु प्रबाहा की अनुभूति की बिसेसता बाले डिस्पेनिआ  स्वसन या हृदय प्रणाली को प्रभाबित करने बाली कई अन्तर्निहित स्तितियों , अनिमिआ , कम ( हिमो ग्लोबिन )के साथ  साथ शारीरिक परिश्रम चिंता डी  कंडीसनिंग (कम सहन शक्ति ) या परयाबरनिय प्रभाबो जैसे कारको के परिणाम स्वरु...

इन्सेक्ट फोबिया किट भय का निदान कैसे किया जाता है ?

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 इन्सेक्ट फोबिया किट भय का निदान कैसे किया जाता  है ?  यदि किट भय ( एटोमोफोबिया ) आपके जीबन को प्रभाबित करता है , तो आपका स्वस्त सेबा प्रदाता आपको किसि मानसिक , स्वास्त्य पेसेबर,जैसे की मनोबैज्ञानिक से  परामर्ष लेने की सलाह दे सकता है . अमेरिकन साइक्रियाट्रिक एसोसिएशन की मानसिक बिकारो के निदान और सांख्यिकी नियमाबलि ( डीएसएम ) किट भय को एक फोबिया के रूप मैं मान्यता नहीं देती है . लेकिन एक मनोबैज्ञानिक आपके लक्ष्यणो के बारे मैं पुछने के बाद आपको इस रोग से पीड़ित बता सकता है .   यदि आपको कीड़ो से डर लगता है,तो संभबत :आपको बिसिस्ट फोबिया  सम्बन्धी बिकार है .   1 . यह तब होता है जब आप कीड़ो के बारे मैं सोच ते है या उन्हें देखते है .  2 . इस से आप पार्क जाने या हाईकिंग पर जाने जैसी स्तितियों से बच ने लगते है .  3 . इसकी बजह से आप सामाजिक कार्योंक्रमो मैं शामिल नहीं हो पाते .  4 . यह आपके जीबन का आनंद लेने की क्षमता को प्रभाबित करता है .  5 . यह चिंता या भय के ऐसे लक्ष्यन उत्त्पर्ण करता है जो बास्तबिक खतरे से मेल नहीं खाते  ।  6 . ...

कीड़ो को क्यों डर लगता है ? कीड़ो का फोबिया क्यों होता है ?

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कीड़ो को क्यों डर लगता है ? कीड़ो का फोबिया क्यों होता है ?   किट भय( एटोमोफोबिया )कीड़ो का डर है . इस भय से पीड़ित लोगो कीड़ो के बारे मैं सोचना या उन्हें देखने पर बेचेंन  हो जते है . कोई लोगो को कीड़े से जुड़े दर्दनाक अनुभब हुए होते है . एक्सपोज़र थरेपी । कोग्निटिव बिहेबियरल थेरेपी और हिन्नोथेरेपी जैसी कई चिकिस्या पद्धतियों से इस भय को दूर किया जा सकता है .   किट भय क्या है ? किट भक्की भय से ग्रस्त लोगो को कीड़ो से डर  लगता है . ऐसे ब्यक्ति को कीड़े ,मकोड़े, को देखने या उनके बारे मैं सोचने पर अत्यधिक  चिंता या भय हो सकता है . बे बहार टहलने या बयांम करने से बच सकते है . और भरी कार्य क्रम से दूर रह सकते है . कुछ लोगो कीड़ो को देखने की सम्भाबना को कम करने के लिए घर  से बाहर  निकलना ही बंद कर देते है .   किट भय (एटोमोफोबिया ) के अन्य  नाम क्या है ?  किट भय को अन्य नामो से भी जाना जाता है . आप इस भय को इन नामो से भी सुन सकते है .  1 . एकारोफोबिआ ( गर्मी से डर )  2 . कीड़ो से डर ( इंसेक्टोफोबिया )    फोबिया क्या होता है ?   फोबिय...

पार्किंनसन रोग का निदान कैसे किया जाता है ?

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पार्किंनसन रोग का निदान कैसे किया जाता है ?  पार्किंसन रोग का निदान मुक्ष्य रूप से एक नैदानिक प्रक्रिया है ,जिसका अर्थ है की यहकाफी हद तक स्वास्त्य सेबा प्रदता द्वारा आपके लक्ष्यणो की जाँच,प्रश्न पूछने और आपके चिकिस्या इतिहास  की  समीक्ष्य पर निर्भर करता है . कुछ नेदानीक और प्रयोग शाला परीक्ष्यंन सम्भब है,लेकिन इनका आबश्यकता आम तर पर अन्य स्तितियों या बिसिस्ट कारनो  को ख़ारिज करने के लिए होती है .  लेकिन ज़्यादातर प्रयोग शाला परीक्ष्यंण  तब तक आबश्यक नहीं होते जब तक की आप पारकिंसन रोग के उपचार के प्रति प्रति क्रिया न दे , जो किसी अन्य स्तिति का संकेत हो सकता  है .  इस स्तिति का निदान करने के लिए कोन  -कोन  से परीक्ष्यंण  किये  जायेंगे? जब स्वास्त्य सेबा प्रदाताओं को पार्किनसन रोग का संदेह होता है या अन्य स्तितियों को ख़ारिज करने की आबश्यकता होती है , तो बिभीन्न इमेजिंग और नैदानिक परीक्ष्यण  सम्भब है. इन मैं शामिल है   1 . रक्त परीक्ष्यंण  (ये पार्किंसन के अन्य रूपों को ख़ारिज करने मैं मदत कर सकती है) .  2 . कंप्...

पार्किंसन रोग क्या है?कैसे होता है पार्किंसन रोग ?

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 पार्किंसन रोग क्या है?कैसे होता है पार्किंसन रोग ?  पार्किंसन रोग उम्र से सम्बंधित एक मस्तिक  की अपक्षयी बीमारी है ,जिसका अर्थ  है की यह मस्तिक के कुछ हिस्सों को ख़राब कर देती है . यह धीमी गति , कम्पन , संतुलन सम्बन्धी समस्याओं और अन्य लक्ष्यणो के लिए जानि जाती है . अधिकांस  मामले अज्ञात करने से होते है . लेकिन कुछ आनुबंसिक होते है , यह बीमारी ला इलाज  है , लेकिन इसके कई उपचार बिकल्प उपलब्ध  है .  पार्किनसोन रोग क्या है ?  पार्किंसन रोग एक ऐसी स्तिति है जिस मैं मस्तिक का एक हिस्सा धीरे - धीरे ख़राब होने लगता है,जिसे समय के साथ लक्ष्यन और भी गंभीर हो जाते है . यह रोग मुक्ष्य रूप से मांस पेशियों पर नियंत्रण , संतुलन , और गति को प्रभाबित करने के लिए जाना जाता है,लेकिन यह आपकी इन्द्रियों , सोच ने की  क्षयमता , मानसिक स्वास्त्य और अन्य कोई चीजों पर भी ब्य्पक  प्रभाब डाल सकता है.    इसे किसे फर्क पड़ता है ?  पार्किंसन रोग होने का खतरा उम्र के साथ स्वभाबिक रूप से बढ़ता है , और इसके सुरु होने को औसत उम्र 60 बर्स है यह पुरुसो म...

ठंडे सीजन मैं कौन सा पानी नहाना चाहिए ठन्डे या गर्म पानी ?

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 ठंडे  सीजन मैं कौन सा पानी नहाना चाहिए ठन्डे या गर्म पानी ? ठण्ड का मौसम आते ही सुबह कोई लोग एक सबाल से जूझते है की नहाना है भी या नहीं ?  अगर हिम्मत कर के नहाने  का मन बना  भी लिया ,तो अगला सबाल सामने होता है गर्म पानी से नाहये या ठंडा  पानी से .  कई लोग कहते है,ठण्ड मैं गर्म पानी नहाना बेहतर है ,उनका कहना है की इसे सरीर को राहत मिलती है . थकान उतर जाती है और ठण्ड से बचाब होता है .  लेकिन दूसरी तरफ  कुछ लोगो ये भी मानते है की गर्म पानी से नहाना  स्किन को ड्राई कर देता है . बालो को नुक्सान पहुंचता है और सरीर की नेचुरल आयल लेयर ख़त्म कर देता है .  तो आखिर सच्चाई क्या है ? की हमें हर मौसम मैं ठन्डे पानी से नहाना चाहिए या ठण्ड मैं गरम  पानी से नहाना बेहतर है ?  आईये जानते है क्या कहते बीसेसज्ञ ?   इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ साइंटिफिक रीसर्च एंड इंजीनियरिंग  डेवलपमेंट मैं  2022 मैं  छपी एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक सरीर के बाहरी सतह पर केरेटिन सेल्स होती है .  गर्म पानी से नहाने पर इन सेल्स  को नुकसान पहु...

आँखों की रौशनी क्यों कम हो जाती है धीरे -धीरे ? और इसका लक्ष्यन क्या है?

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 आँखों की रौशनी क्यों कम हो जाती है धीरे -धीरे ? और इसका लक्ष्यन क्या है? कुछ लोगो की आँखों की रौशनी धीरे - धीरे कम होने लगती है . डॉक्टर से जानते है इसका  कारन और इलाज  सरीर के अन्य हिस्सों की तरह आँखों को भी बिसेष देख भाल की आबश्यकता होती है . लेकिन आज के समय मैं कई कारणों  मैं से लोगो मैं आँखों से रौशनी से जुडी कई समस्या  तेजी से बढ़ने लगी है . आँखों के रौशनी कम होने के कारन डाइट मैं पोशाक तत्व की कमी भी एक बड़ा कारन मानी जा सकती है . कुछ लोगो को रौशनी तेजी से जाती है,तो कुछ लोगो की रौशनी धीरे - धीरे कम होने लगती है . इन दोनों ही स्तितियों के कारन अलग - अलग हो सकते है . इस बिसय पर पुणे स्तित मणिपाल अस्पताल के नेत्र रोग बीभाग की डॉक्टर कृति सुधा ने बताया की आँखों की रौशनी धीरे - धीरे कम होने के क्या कारन होते है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है .   उम्र के साथ साथ मस्कुलर डीजनरेशन   उम्र बढ़ने के साथ कुछ लोगो की आँखों की रौशनी भी काम हो जाती है . यह समस्या तब होती है,जब रेटिना के हिस्से मेक्यूला मैं समाया के लिए क्ष्यति होने लगती है .  मोतिया...

बालो के झड़ने का निदान कैसे किय जाता है?

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 बालो के झड़ने का निदान कैसे किय जाता है? कुछ मामलों मैं,बालो के झड़ने का कारन अस्पस्ट होता है -उदाहरण  के लिए,अगर कीमो थेरेपी के दौरान आप के बाल झड़ रहे है. कई बार आपके स्वास्त्य सेबा प्रदाता को आपके बालो के झड़ने का कारन जानने के लिए कुछ जाँच-पड़ताल करनी पड  सकती है .  सही निदान निर्धारित करने के लिए,आपका प्रदता निम्न कार्ज्य  कर सकता है .  1 . अपने परिबार के इतिहास के बारे मैं पूछे , जैसे की क्या किसि रिस्तेदार को बाल झड़ने की समस्या हुई थी और किस उम्र मैं .  2 . अपने मेडिकल इतिहास पर एक नजर डाले ।  3 .थाय  रॉयड फंक्शन और आयरन के स्तर  को मापने के लिए रक्त परीक्ष्यंण  का आदेश ।  4 . संक्रमण के लक्ष्यणो के लिए अपने सिर की जाँच करे .  5 . त्वचा रोग की जांच के लिए स्कैप्ल बायोस्पी ले .   प्रबंधन और उपचार  बालो के झड़ने का इलाज कैसे किया जाता है   अगर आपके बाल दबाइयो  ,हार्मोनल अंसतुलन ,थायरोइड रोग या आहार के कारन झड़ रहे है . तो आपका डॉक्टर इसका कारन पता लगाऐगा  . बालो का झड़ना रोकने के लिए अक्सर मूल समस्या...

बाल कैसे झड़ते है?और इसके कारण क्या है ?

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 बाल कैसे झड़ते  है?और इसके कारण क्या है ? बालो का झड़ना  आप के बालो का समान्य बिकास चक्र के तरह हर दिन कुछ बाल झड़ना आम बात है. ज़्यादा तर लोगो के झड़े हुए बाल बापस उग आते है और आपके सिर पर घने बाल बने रहते है . लेकिन बीमारी,हार्मोनल बदलाब,तनाब बढ़ती उम्र और बंशानुगत बीमारियां आपके बालो के बिकाश चक्र मैं बाधा  डाल सकती है . ज़्यादा बाल झड़ते है,लेकिन नए बाल बापस नहीं उगते ।   बालो का झड़ना क्या है? ज़्यादा तर स्वस्त लोग रोजाना 100 बाल तक खो देते है . आपके बालो के बिकाश चक्र के एक हिस्से के रूप मैं. नए बाल उगते है और झड़े हुए बालो की जगह ले लेते है .  जब आपके बाल ज़्यादा झड़ने लगे-और कम या बिलकुल भी न उगे इस स्तिति को एलोपेसीया (बालो का झड़ना )  कहा जाता है . बालो का झड़ना कई प्रकार का होता है,और यह किसी भी लिंग के बयस्को और बच्चो को भी प्रभाबित कर सकता है . आप के सिर्फ सिर के या पुरे सरीर के बाल भी झड़ सकते है .  बालो के झड़ने के प्रकार क्या है  कुछ प्रकार के बाल स्थाई होते है ,जब की कुछ अस्थाई होते है . बालो के झड़ने के सबसे आम प्रकार है .   1 . एंड्रोज...

जुड़बा बच्चे कैसे पैदा होते है?ऐसा होने के सबसे ज़्यादा चांस किन महिलाओं मैं होते है ?

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 जुड़बा बच्चे कैसे पैदा होते है?ऐसा होने के सबसे ज़्यादा चांस किन महिलाओं मैं होते है ?  जुड़बा बच्चो का जन्म एक अनोखी घटना मानी  जाती है . कई माहिलाये ( TWINS   )जुड़बा बच्चे जन्म देती है,जुड़बा बच्चे तब पैदा होते है जब एक ही गर्व  मैं दो या दो से अधिक भ्रूण बन जाये ।  ट्विन्स प्रेगनेंनसी   अक्सर सबाल होता है की आखिर जुड़बा बच्चे कैसे पैदा होते है। किन महिलाओं को ट्विन्स के चांस ज़्यादा है . जुड़बा बच्चो के पीछे का साइंस क्या है . दरअसल एक से ज़्यादा बच्चो को जन्म देने की घटना मेडिकल टर्म मैं मल्टीपल  प्रेगनेंसी कही जाती है . इसका मतलब किसी माहिला के गर्व मैं दो या ज़्यादा बच्चे है. ये एक ही एग या अलग - अलग एग से हो सकते है . अक्सफोर्ड की नयी  रिसर्च मैं बताया गया है की दुनिया मैं हर साल 1 . 6 मिलियन जुड़बा बच्चे पैदा हो रहे है . क्लीबलैंड क्लिनिक के अनुसार,हर 250 प्रेगनेन्ट  महिलाओं मैं से एक को ट्विन्स होने की सम्भाबना रहती है . ऐसे मैं आईये जानते है जुड़बा बच्चो के पैदा  होने का पूरा साइंस ।  जुड़बा बच्चे कैसे पैदा होते है  जब एक ...

खुजली बलि त्वचा का निदान कैसे किया जाता है ?

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 खुजली बालि त्वचा का निदान कैसे किया जाता है ?   खुजली बालि त्वचा का इलाज इस बात पर निर्भर करता है की इसकी बजह क्या है . खुजली बालि त्वचा के ज्यादातर कारने  का पता जांच (आपकी आँखों को देख कर ) से लगाया जा सकता है और इस के लिए किसि बिसेस परी क्षण की  जरुरत नहीं होती ।   आपका डॉक्टर निम्न लिखित की ब्यबस्ता कर सकता है  1 . त्वचा बायोस्पी  2 . रक्त परीक्ष्यंण   3 . मूत्र पेशाब परीक्ष्यंण   4 . मल (पु ) परीक्ष्यंण    खुजली बाली त्वचा का इलाज कैसे किया जाता है ? यदि आपकी त्वचा मैं खुयज्ली हो रही है,तो यह कुछ चीजे दी गयी है जो मदत कर सकती है  1 . कोसिस करे की उस जगह को खोरोचे नहीं। जितना ज़्यादा आप खोज लाएंगे,आपकी त्वचा इतनी ही ज़्यादा खुजली करेगी ।  2 . यदि आप खरोच ते है तो अपनी त्वचा को टूटने से बचने के लिए अपने नाखुनो को छोटे  रखे .  3 . ढीले सूती कपडे पहन ने की कोसिस करे. इसे आपको ज़्यादा गर्मी लगने और खुजली बढ़ने से बचने मैं मदत मिलेगी । उन जैसे कपडे पहन ने  से बचे क्यों की ये आपकी त्वचा मैं जलन पैदा कर ...

खुजली बालि त्वचा क्या है ?

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 खुजली बालि त्वचा क्या है ?   खुजली बालि त्वचा को पूराइतटीस भी कहा जाता है . यह त्वचा की एक आम जलन है . इसे आप को खुजली बालि जगह को खुजलाने का मन करता है . खुजली बाले त्वचा आप के सरीर के किसि भी हिस्से मैं हो सकती है। यह बहुत ही नीरास जनक और असहज हो सकती है .  सरीर के  किसी छोटे से हिस्से पर खुजली हो सकती है , उदाहरण  के लिए,कीड़े के काटने बालि जगह पर .  कभी - कभी खुजली आपके पुरे सरीर को प्रभाबित कर सकती है . ऐसा तब हो सकता है जब आपको किडनी या लिवर की बीमारी हो , या आम तर पर अलेर्जी  हो , कभी - कभी अलेर्जी  के कारन पुरे सरीर पर दाने - भी निकल सकते है .  त्वचा मैं खुजली आम तर पर गंभीर नहीं होती है , लेकिन कभी कभी यह किसि गंभीर स्वास्त्य समस्या के कारन हो सकती है अगर आपको दाने  या खुजली के बारे मैं कोई जान कारि नही है , तो अपने डॉक्टर से मिले।   त्वचा मैं खुजली का क्या कारन है ?   खुजली बाले त्वचा का सामांन्य कारन  1 . सुस्क  त्वचा  2 . कीड़े का काटना  3 . हिप्स  4 . गर्मी से होने बाली दाने  ....

लिवर सिरोसिस के उपचार

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 लिवर सिरोसिस के उपचार सिरोसिस के उपचार के उधेस्या अंतरनिहित कारन को  प्रबंधित करना , लक्ष्यन को कम करना , जटिलताओं को रोकना और यकृत क्ष्यति के प्रगति को धीमा करना है . बिसेस उपचार दृस्टि कोण सिरोसिस के कारन और बीमारी के चरण पर निर्भर करेगा । यहाँ यकृत सिरोसिस उपचार के प्रमुख घटक दिए गए है .  अन्तर्निहित कारन को सम्बोधित करना   1 . यदि सिरोसिस लम्बे समाय तक सराब के सेबन  के कारन होता है , तो प्राथमिक उपचार सराब से परहेज करना है . आगे चलकर लिवर मैं होने बाले नुकसान को रोकने के लिए सराब का ज़बान बंद करना बहुत जरुरी है .  2 . बायरल हेपेटाइटिस (हेपाटाइटिस B या C )के मामलो मैं , स्वास्त्य सेबा प्रदाता बायरल संक्रमण को दबाने और यकृत की सूजन को कम करने के लिए एंटी बायरल दबाएं लिख सकते है .  3 . चायपाचाय सिंड्रोम और मधुमेह का प्रबंधन  जीबन सैली मैं बदलाब   स्वास्त्य जीबन सैली बनाये रखना बहत जरुरी है , अलकोहोलिक फैटी लिवर डिजीज ( N A F L D )या नॉन अलकोहोलिक स्पीटोहेपेटाइटीस ( N A S H )  से पीड़ित लोग के लिए। इस मैं संतुलित आहार खाना,और बजन को प...

लिवर सिरोसिस क्या है ? कैसे होता है इसके लक्ष्यन क्या है ?

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 लिवर सिरोसिस क्या है ? कैसे होता है इसके लक्ष्यन क्या है ? यकृत सिरोसिस क्या है? सिरोसिस एक धीरे धीरे बढ़ने बालि बीमारी है जिस मैं नीसान  ऊतक स्वास्त्य यकृत ऊतक की जगह  ले लेता है , जिससे आतन्त यकृत ठीक से काम नहीं कर पाता . नीसान  उत्तक यकृत के माध्यम से रक्त प्रबाहा को अबरुद्ध करता है और पोशाक तत्वा,हार्मोन,दबाव और प्राकृतिक रूप से उद्पादित बिसाकत  पदार्थों के प्रसंस्करण को धीमा कर देता है . यहाँ यकृत द्वारा बनाये गए प्रोटीन और अन्य पदार्थों के उद्दपादन को भी धीमा कर देता है .   सिरोसिस कैसे बिकसित होता है ?  लिवर एक बहत ही मजबूत अंग है और आम तर पर अपनी क्ष्यति ग्रस्त कोशिकाओं को फिर से बना सकता है . सिरोसिस तब बिकसित होता है जब अत्यधिक सराब पि जाते हैं या लम्बे समाय तक क्रोनिक संक्रमण मौजूद होता है। यहाँ घातक बीमारी लिवर को सिकोड़ कर सख्त कर देती है,जिसे पोशक तत्वा से भरपूर रक्त पोर्टल सिरा के माध्यम से लिवर मैं प्रभाहित होने से रोकता है . पोर्टल सिरा पाचन तंत्र से महत्वा पूर्ण पोशाक तत्वा को लिवर तक ले जाने बाली  रक्त को ले जाती है . जब रक्त लि...

अपने मन पर काबू कैसे पाए ?

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 अपने मन पर काबू कैसे पाए ?   हमारा मन ऐसे न जाने कितने अलग-अलग हिस्सों से मिलकर बना हुआ है. जो की हर एक हिस्से आप की ब्याबहार पर अलग - अलग तरह से प्रभाब डाल सकते है . आप अपने मन के प्रभाब को बदलना जरूर चाहा सकते है . जैसे , की आपके मन का एक हिस्सा आपके अच्छी तरह से भरपूर मात्रा मैं कैलोरी लेने के बारे मैं पर बहा कर सकता है और आपके मन मैं रिच फैटी फूड्स लेने की इच्छा जगा सकता है,तो बही दूसरा भाग ऐसा महसुसु करता है,की आगे आने बाले बक्त के लिए , जरुरत से ज़्यादा लिया हुआ भोजन आपके हेल्थ को और फिजिकल इमेज को बर्बाद कर सकता है . अपने मन पर काबू पाने के लिए,सबसे से पहले उन ब्यबहारो पर आत्म , नियंत्रण करना,जिन्हे आप बदलना चाहते है , सबसे ज़्यादा जरुरी है . यहाँ पर ऐसी बहुत साडी ट्रिक्स है,जिन्हे अपना कर आप आप के मन को और आपके ब्यबहार को पूरी तरह से बदल सकते है .    1 . अलग तरह से सोचना - किसी भी बाथ को बार बार दोहराना बंद करे : हो सकता है की आप खुद को न चाहते हुए भी कुछ नेगेटिव सोचता हुआ पाए . यहाँ पर ऐसी न जाने कितने ट्रिक्स मौजूद है , जिनको अपना कर आप न सिर्फ आपके मन पर ...