लिवर सिरोसिस के उपचार
लिवर सिरोसिस के उपचार
सिरोसिस के उपचार के उधेस्या अंतरनिहित कारन को प्रबंधित करना , लक्ष्यन को कम करना , जटिलताओं को रोकना और यकृत क्ष्यति के प्रगति को धीमा करना है . बिसेस उपचार दृस्टि कोण सिरोसिस के कारन और बीमारी के चरण पर निर्भर करेगा । यहाँ यकृत सिरोसिस उपचार के प्रमुख घटक दिए गए है .
अन्तर्निहित कारन को सम्बोधित करना
1 . यदि सिरोसिस लम्बे समाय तक सराब के सेबन के कारन होता है , तो प्राथमिक उपचार सराब से परहेज करना है . आगे चलकर लिवर मैं होने बाले नुकसान को रोकने के लिए सराब का ज़बान बंद करना बहुत जरुरी है .
2 . बायरल हेपेटाइटिस (हेपाटाइटिस B या C )के मामलो मैं , स्वास्त्य सेबा प्रदाता बायरल संक्रमण को दबाने और यकृत की सूजन को कम करने के लिए एंटी बायरल दबाएं लिख सकते है .
3 . चायपाचाय सिंड्रोम और मधुमेह का प्रबंधन
जीबन सैली मैं बदलाब
स्वास्त्य जीबन सैली बनाये रखना बहत जरुरी है , अलकोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (N A F L D )या नॉन अलकोहोलिक स्पीटोहेपेटाइटीस (N A S H ) से पीड़ित लोग के लिए। इस मैं संतुलित आहार खाना,और बजन को प्रभाबी ढंग से नियंत्रित करना शामिल है.
दबाई
सिरोसिस की बिसिस्ट जटिलताएं और लक्ष्यणो के प्रबंधन के लिए दबाएं निर्धरित की जा सकती है . जिन मैं शामिल है ,
1 . मूत्र बर्धक (पानी की गोलियां ) द्रब प्रति धारण (जलोदर ) और सोफ को कम करने के लिए .
2 . यकृत मस्तिक बिकृति को प्रेरित करने बाले आंत बिसाकत पदार्थ को काम करने के लिए .
3 . जब सबक़त मुले तो एंटी बायोटिक्स ले .
4 . पोर्टल सिरा दबाब को कम करने और बेरिकाज़ नसों से रक्त स्राब के जोखिम को काम करने बालि दबाएं ।
पोसण सम्बन्धी सहायता
सिरोसिस से कु पोसण और पोशाक तत्व कि कमी हो सकती है . एक पंजी कृत आहार बीसेसज्ञ आहार सम्बन्धी मार्ग दरसन दे सकता है और जरुरत पड़ने पर पोसन सम्बन्धी पूरक आहार की सलाह दे सकता है .
नियमित चिकिशय निगरानी
सिरोसिस की मरीजों के लिवर के काम काज की निगरानी , जटिलताओं का आकलन करने और आबस्यकता अनुसार उपचार समायोजित करने के लिए नियमित फॉलो - ऑफ अपॉइंटमेंट की अबस्यकता होती है . दिल्ली या अन्य जगहों पर सबसे अच्छे लिवर सिरोसिस डॉक्टर से जांच करबानी चाहिए ।
जटिलताओं का उपचार
जलोदर ,बेरिकाज और हेपे टोरोनल सिंड्रोम जैसी जटिलताओं के लिए बिसिस्ट उपचार आबश्यक हो सकते है . इन उपचारो मैं पेरा सेंटेसेसिस (द्रब निकलना ) एंडोस्कोपीक प्रक्रिया ऍ जैसे (बेरिकाज बेडिंग ) और दबाएं शामिल हो सकती है .
लिवर पप्रत्यरोपण
डीकम्पेंसेटेड सिरोसिस , (गंभीर यकृत बिकार ) या अंतिम चरण के यकृत रोग (इएसएलडी )के मामलों मैं , यकृत प्रत्यरोपण ही एक मात्र उपचरात्मक बिकल्प हो सकता है . योग्य रोगिओं को यकृत प्रत्यरोपण प्रतिख्या सूचि मैं रखा जाता है .
टिका करन
अतिरिक्त यकृत क्ष्यति को रोकने के लिए , सिरोसिस से पीड़ित ब्यक्तियों को हेपेटाइटीस ऐ और हेपेटाइटीस बी के बिरुद्ध टीके लगबाने चाहिए ।
लिवर सिरोसिस के रोक थाम
लिवर सिरोसिस को रोकना बहुत जरुरी है , और इस मैं जोखिम कारको को कम करना और स्वस्त जीबन सैली को अपनाना शामिल है . हालाकि यहाँ ध्यान रखना जरुरी है की सिरोसिस के सभी मामलो को रोका जा नहीं सकता , खास कर बे जो आनुबंसिक या अटोइम्यून कारको से जुड़े है ,कई मामले नियंत्रण योग्य जोखिम कारको से जुड़े है ,
सराब से बचे - अगर आपको सिरोसिस या लिवर की बीमारी है ,तो सराब से पूरी तरह दूर रहना जरुरी है . सराब पिने से स्तिति और ख़राब हो सकती है और लिवर को नुकसान पहुंच ने की सम्भाबना बढ़ सकती है .
पोस्टिक आहार अपनाये -फलो और सब्जियों , साबुत अनाज और कम बसा बाले प्रोटीन स्रोतों से भरपूर आहार चुने। बसा युक्त और तले हुए खाद्य पदार्थों के सेबन कम से कम करे ,जो की आप के लिवर पर दबाब डाल सकते है .
स्वस्त बजन बनाये रखे - सरीर मैं अतिरिक्त बसा समय के साथ आपके लिवर को नुकशान पहुँच सकती है , यदि आप अधिक बजन बाले या मोटे है , तो ब्यक्तिगत बजन घटाने की योजना के लिए अपने स्वस्त सेबा प्रदाता से परामर्श करे .

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