आँखों की रौशनी क्यों कम हो जाती है धीरे -धीरे ? और इसका लक्ष्यन क्या है?

 आँखों की रौशनी क्यों कम हो जाती है धीरे -धीरे ? और इसका लक्ष्यन क्या है?

कुछ लोगो की आँखों की रौशनी धीरे - धीरे कम होने लगती है . डॉक्टर से जानते है इसका  कारन और इलाज 

सरीर के अन्य हिस्सों की तरह आँखों को भी बिसेष देख भाल की आबश्यकता होती है . लेकिन आज के समय मैं कई कारणों  मैं से लोगो मैं आँखों से रौशनी से जुडी कई समस्या  तेजी से बढ़ने लगी है . आँखों के रौशनी कम होने के कारन डाइट मैं पोशाक तत्व की कमी भी एक बड़ा कारन मानी जा सकती है . कुछ लोगो को रौशनी तेजी से जाती है,तो कुछ लोगो की रौशनी धीरे - धीरे कम होने लगती है . इन दोनों ही स्तितियों के कारन अलग - अलग हो सकते है . इस बिसय पर पुणे स्तित मणिपाल अस्पताल के नेत्र रोग बीभाग की डॉक्टर कृति सुधा ने बताया की आँखों की रौशनी धीरे - धीरे कम होने के क्या कारन होते है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है . 


उम्र के साथ साथ मस्कुलर डीजनरेशन 

उम्र बढ़ने के साथ कुछ लोगो की आँखों की रौशनी भी काम हो जाती है . यह समस्या तब होती है,जब रेटिना के हिस्से मेक्यूला मैं समाया के लिए क्ष्यति होने लगती है . 

मोतिया बिंद 

मोतिया बिंद मैं ब्यक्ति की रौशनी धीरे - धीरे कम होने लगती है . इस मैं ब्यक्ति की आँखों पर एक सफ़ेद परत बनने लगती है . जिससे दिखाई देने मैं समस्या होने लगती है . 

ग्लूकोमा 

ग्लूकोमा नेत्र से सम्बंधित रोग है,जो आस्तिक तंत्रिका को नुक्सान पहुंचता है. इसकी बजह से मरीज की आँखों की रौशनी धीरे - धीरे कम होने लगती है . 

डायबिटिक रेटिनोपेथी  - जिन लोगो को डायबिटीज की समस्य होती है . इनको  डायबिटीज रेटिनोपेथी होने का खतरा अधिक होता है . यह स्तिति रेटिना की ब्लड वेसल के नुकसान के कारन होती है . इस रोग के बढ़ने पर ब्यक्ति की आँखों की रौशनी धीरे - धीरे  कम होने लगती है . 

रेटिनल डिटेचमेंट 

रेटिनल डिटेचमेंट तब होता है जब रेटिना के अंदर के टिश्यू डैमेज होने लगते है . यह समस्या आँखों की रौशनी -धीरे धीरे कम होने का कारन बनती है . 

आखो क़ि  रौशनीका  कम होने का इलाज 

आखो  की रौशनी धीरे धीरे कम होने के कारन के आधार पर उसका इलाज किया जाता है . सबसे पहले डॉक्टर मरीज की स्तिति की जांच करते है . इसके बाद यदि आँखों की समस्या सुरुवाती दर मैं है,तो मरीज को नजर का चस्मा लगाने और कुछ दबाव का सेबन  करने की सलाह दी जा सकती है. लेकिन अगर आँख मैं किसी गंभीर कारण जैसे मोतिया बिंद आदि की बजह से आँखों की रौशनी कम हो रही है . तो इस स्तिति मैं सर्जरी के बिकल्प को चुना जा सकता है . 

आँखों का बचब कैसे करे?

1 . साल मैं दो बार आँखों की जांच अबस्य कराएं। इसे रोग की पहचान समय रहते की जा सकती है . 

2 . डाइट मैं पोस्टिक चीजों को शामिल करे . 

3 . डायबिटिज को कण्ट्रोल मैं रखे. 

4 . सूर्य की युबी किरणों से  आँखों को बचाये। बाहर जाते समाय आँखों पर चस्मा लगाए . 

5 . कंप्यूटर या टीवी देखते समय उचित दुरी बनाकर रखे . साथ ही कंप्यूटर पर घंटो काम करना हो , तो ऐसे मैं एंटी ग्लेयर चश्मे का उपयोग करे . 

आँखों का बचाब करने के लिए आप बहार से आने के बाद साफ़  पानी से आँखों को धोए. इसके साथ ही रोजाना आखो  से   जुड़े योग आसन करे . इसे आँखों  की मानसपेशियों मजबुत होती है . 



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