डोपामाइन क्या है?
डोपामाइन क्या है?
डोपा माइन एक न्यूरो ट्रांसमिटर है.यह एक रासायनिक सन्देश बाहक है जो मस्तिक और अन्य महत्व पूर्ण खेत्र मैं संकेतो के संचारण मैं मदत करता है.डोपा माइन मनुष्य के साथ साथ जान बरो मैं भी पाया जाता है,जिसमे कसे रुकी और अकसेरुकी दोनों शामिल है.
डोपामाइन का उदपादन-डोपामाइन मस्तिक के कई खेत्रो मैं उद्पादित होता है,जिसमे सबस्टेसिया निगरा और बेंटल,टेग मेंटल खेत्र शामिल है.यहाँ एक न्यूरो हरमोंन है जो हाइपो थेलामस द्वारा जारी किया जाता है.इसकी क्रिया एक हरमोंन के रूप मैं होती है जो पिटूइटरी के पुरब बरती लोब से एक अबरोधक या प्रोलैकटिन रिलीज़ होता है.
मस्तिक के भीतर ओसत स्थानीय करण बाले न्यूरो ट्रांसमीटर.(1)मनो माइन न्यूरो ट्रांसमीटर डोपामाइन की रासायनिक संरचना मानब और चूहे के मस्तिक मैं डोपा माइन युक्त नुरोंनस के स्तानीय करण का एक योजना बद्ध चित्रण और बे स्थान जहा डोपा माइन युक्त अक्षय तंतु पाए जाते है.(2)मनो माइन न्यूरो ट्रांसमीटर सेरोटोनिन की रासायनिक संरचना और सेरो टोनिन की रासायनिक संरचना और सेरोटोनिन युक्त कोसी काओ और उनके अक्षय तंतुओ के स्थानों को दर्शाने बाला सामान मस्तिक मानचित्र.
डोपामाइन का इतिहास-डोपा माइन को पहली बार 1910 मैं जेर्ज बर्गेर और जेर्ज इबेंस द्वारा लन्दन,इंग्लैंड स्तित बेल कम प्रयोग शालाओ मैं संस्लेसित किया गया था.
डोपामाइन की क्रिया ये-डोपामाइन का उपयोग दबा के रूप मैं भी किया जाता है.यहाँ सहानु भूति तंत्रिका तंत्र पर कार्य करता है.डोपा माइन के प्रयोग से हृदय गति और रक्त चाप ब्रुधि होती है.
डोपा माइन रक्त मस्तिक अबरोध को पार नहीं कर सकता,इस लिए दबा के रूप मैं दिया गया डोपामाइन सीधे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभाबित नहीं करता.
डोपा माइन की जरुरत कुछ मस्तिक रोगों मैं भी होता है.इसमें पार्किन्सन रोग और डोपा- रेस्पोंसिव डिस्ट टो निया जैसी बीमारियाँ शामिल है.इन रोगी यों के लिए लेबो डोपा का उपयोग किया जाता है.यह डोपा माइन का एक अग्र दूत है.यह रक्त-मस्तिक बाधा को पार कर सकता है.
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