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बार बार बुखार क्यूँ आता है

बार बार बुखार क्यूँ आता है?जाने इसके 3 कारण  और बचाब के उपाय-अगर आपको बार बार बुखार होता है,तो इसके पीछे ये 5 कारण ज़िमेद्दर हो सकते है.जाने कैसे करे खुद का बचाब . बार बार बुखार क्यूँ होता है -आम तोर पर सरीर का औसत तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेन हाइट  होता है.लेकिन जब सरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेन हाइट  से अधिक होता है,यह स्तिति बुखार का  होती है.कई लोगो को बार बार बुखार हो जाता है,इसे मेडिकल भासा मैं आबर्ती  बुखार कहा जाता है.यह बुखार एक समयाबिधि कई बार होता है.इसका मतलब ये है की बुखार आता जाता रहेता है.यहाँ बुखार आमतोर पर बच्चो को परेशांन  करता है.इसे बच्चे को एक ही पैटर्न मैं बुखार हो सकता है.यानी हर महीने मैं एक बार बुखार आना बच्चो मैं बढ़ा  हुआ तापमान कुछ दिनो  तक रहता है और फिर कुछ समय के लिए चला जाता है. बार बार होने बाले बुखार के लक्ष्यन  1 .100.4 डिग्री फारेन हाइट से ऊपर तापमान होना 2 .ठण्ड लगना  3 .त्वचा का गर्म होना 4 .थकान  महसूस होना 5 .चिड चिडा पण होना  6 .सक्रिय न रहना  7 .मूड ख़राब होना  बार बार बुखार  आने के कारन? बुखार कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है.इन  कारणों मैं सा

थायराइड क्या है

 थायराइड क्या है-थायराइड गर्दन के अन्दर स्तित होती है.थायराइड एक तरह का ग्रंथि नलिका है.जो हार्मोन  का निर्माण करता है.यह एक आम दोष है जो पुरुषो के मुकाबले महिलाओं मैं ज्यादा होता है.आई ऐ जानते है,महिलाओं मैं थायरोइड के लक्ष्यन,कारण इलाज



थायराइड के प्रकार

मुक्ष्य रूप  से थायराइड दो प्रकार के होते है:

1.हाइपर थायराइड 

2.हाइपो थायराइड 

हाइपर थाय RAIDISM मैं अत्याधिक मात्र मैं थायराइड हर्मोने बनते है और हाइपो थाय RIDISM मैं हार्मोन कम मात्र मैं बनते है.थायराइड ग्रंथि टी 3 और टी 4 थायारोक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण करती है,जो की पाचन तंत्र,हार्ट रेट,सांस और बॉडी टेम्पोर पर डायरेक्ट प्रभाब डालती है.

यह हद्डियो,मांशपेशियो,पेशियों,लेंगिक,मानशिक ब्रुधि और कोल्लेस्त्रोल को भी कण्ट्रोल करता है.यह जॉब हमारे सरीर मैं हारमोंस का संतुलन बिगड़ जाता है,तो हमारे सरीर का बजन कम या ज्यादा होने लगता है,जिसे हम थायराइड की समस्या के नाम से जानते  है.

हाइपर थायराइड-हाइपर थायराइड के लक्ष्यन क्या है?

1-चिडचिडापन,2-ज्यादा पशीना आना,3-घबराहट,4-दिल की धड़कन का बढ़ना5-अनिद्रा 6-भूक ज्यादा लगना ,7-मांशपेशियों मैं कमिजोरी और दर्द का रहना.

हाईपो थायराइड-

हाईपो थायराइड के लक्ष्यन क्या है?

1-डिप्रे सन होना,2-पशीना कम आना,3-धड़कन की गति का धीमा होना,4-बालो का ज्त्यादा झड़ना ,5-थकान का हमेशा महसूस होना,6-जॉइंट पैन और मांशपेशियों का अकड़ना,7-आँखों और चेहोंरो पर सुजन,8-ब्लड मैं कोल्लेस्त्रोल बढ़ना,9 -कब्ज़,१०-पीरियड्स की अनियामता,११-यादास्त कमज़ोर होना.

थायराइड के लिए घरेलु उपचार क्या है?

थायराइड के लिए घरेलु उपचार निम्नालिखिस्त है.

लकी 

थायराइड की बीमारी से निजात पाने के लिए रोज़ सुबह खाली  पेट लकी का जुष पिए.इससे बीमारी से राहत मिलती है और बीमारी शांत होती है.

हरा धनिया

हरे धनिया के प्रयोग से थायराइड की बीमारी ओ ठीक किया जा सकता है.सबसे पहेले इसे बारीक़ पिस ले और हर  रोज़  एक गिलास पानी मैं घोल कर इसे पिए.इससे थायराइड के बिमारी धीरे धीरे कण्ट्रोल होने लगता  है.

आयोडीन

थायराइड से ग्रस्त मरीजों को आयोडीन का सेबन  ज्यादा मात्र मैं करना चाहिए.इसका अच्छा स्रोत प्याज़ ,लहसुन,और टमाटर जैसी चीज़े हैं.

नारियल पानी

यहाँ भी थायराइड को नियंत्रित करने मैं बहुत सहायक होता है.यदि हर दिन सम्ब्हब नहीं है कम से कम ऐसे मरीज़ को हर दुसरे दिन इसका सबन करना चाहिए.

हल्दी हल्दी मैं करक्यूमिन नामन तत्व पाए जाते है,जो थायराइड को कण्ट्रोल करने मैं मदत गार  साबित होती है.इसलिए हमेशा रात को सोने से पहेले हल्दी बाला दूश पीना थायराइड मरीजों के लिए अच्छा होता है.

तुलसी 

इसका घरेलु इलाज तुलसी से भी किया जा सकता है.इस मैं दो चम्मस्च तुलसी रस के साथ आधा चमम्स्च अलोबेरा जुश मिलकर सेबन  करने से थायराइड खत्म होता है.

थायराइड से पीड़ित मरीजों के लिए डाइट प्लान क्या है?

इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए निम्नलिखित खान पान होना चाहिए:

1-अपने भोजन मैं ज्यादा से ज्यादा फलो और सब्जियों को सामिल करे.

2-आयोडीन युक्त आहार ले

3-ऐसे साबूत  अनाजों का सेबन  करे,जिमसे प्रोटीन,फाइबर और बिटामिन भरपूर मात्र मैं हो.

4-कम बसा बाले भोजन का सेबन करे4-इसके घरेलु इलाज मैं दूद और दही का सेबन  ज्यादा मात्र मैं करना चाहिए6-अपने आहार मैं केल्सियम और बिटामिन-डी से ययुक्त खाद्य  पदार्थ को सामिल करे.जैसे दूद-ब दही.

सारांश:-

बर्तमान समय मैं थायराइड कोई बड़ी बीमारी नहीं है.यहाँ गर्दन के निचले हिस्से मैं स्तित एक ग्रंथि है,जिससे चिकिश्या  भासा मैं थायराइड के नाम से जाना जाते है.इसका काम सरीर क कई कार्यो  को नियंत्रित करना है,जैसे आहार को उर्जा मैं परिबर्तन करना,इत्यादी .यहाँ दो प्रकार के होते है,हाइपर थायराइड,हाइपो थायराइड.

क्या आप जानते है,थायराइड मैं क्या परेशानी होती है,हाइपर थायराइड के लक्ष्यन मैं चिडचिडापन ,ज्यादा पशीना आना,हार्ट बीट बढ़ना,मांश  पेशियों मैं कमजोरी और दर्द का रहना,इत्यादी.हाइपो थायराइड के लक्ष्यन मैं डी प्रेसन होना,पशीना कम आना,धड़कन की गति का धीमा होना,बालो का ज्यादा झड ना  ,थकान  का हमेशा महसूस होना,इत्यादी.आप थायराइड को घरेलु उपचार के द्वारा ठीक कर सकते है,जैसे लकी,हरी धनिया,कोकोनट वाटर,तुलसी,आयोडीन,इत्यादी,.यदि हम डाइट के बारे मैं बात करे तो ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों का सबन  करे.फाइबर और प्रोटीन का भरपूर सबन  करे.



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