पसीने से बदबू क्यों आती है ?

 पसीने से बदबू क्यों आती है ? 

ज़्यादा तर पसीने के बीपरित , ठंडा पसीना न तो गर्मी से होता है और न ही सरीर के ज़्यादा काम करने से , दरअसल यहाँ हमारे सरीर की लड़ो या भागो प्रतिक्रिया के कारन होता है,जो खतरनाक परिस्तियों मैं हमारी रक्षया  के लिए बनायीं गयी है . 

जब हम घबराये हुए , चिंतित या खतरे मैं होते है तो हमारी सांसे और हृदय गति स्वभाबिक रूप से तेज हो जाती है . जिसे हमारा सरीर अति सक्रिय हो जाता है . और बदले मैं हमारे पसीने की ग्रंथियां हमे ठंडा रखने के लिए सक्रिय हो जाती है . 

बस कोई डराबनी  फ़िल्मक देखने से भी ठंडा पसीना आ सकता है . लेकिन अगर आप को नियमित रूप से ठंडा पसीना आ रहा है,तो हो सकता है की आपका सरीर आपको कुक्छ स्वास्त्य समस्यसों के बारे मैं बता रहा हो . आपको डॉक्टर से बाथ करनी चाहिए । 

पसीने से दुर्गन्ध क्यों आती है - पसीने की गंध बिज्ञान मैं है,सरल सब्दो मैं कहे तो,आपकी एपोक्रिने ग्रंथियां एक गंध हिन् शराब उतत्पर्ण करती है जिसे त्वचा की सतह पर ब्याकटे रिया द्वारा बिघटित कर दिया जाता है . ब्याकटेरिया एपोक्रिन श्राब को  शराब को भोजन के स्रोत के रूप मैं उपयोग करते है . यह इस प्रक्रिया के उप - उद्पाद  है जो गंध उत्पर्ण करते है . एपोक्राइन  पसीने मैं ऐक्राइन  पसीने के तुलना मैं अधिक पोशाक तत्वा होते है . जो बयांम  के द्वारा  आपके सरीर द्वारा उद्पादित होते है .  है . मुक्ष्य रूप से केबल नमक और पानी। तनाब और चिंता  एपोक्राइन  पसीने को अधिक  उत्तेजित करते है,जिसके कारन सरीर से अद्घिक दुर्गन्ध आती है . 

गर्मी तेज धुप मैं पसीना आना नार्मल है . यह एक नेचुरल प्रोसेस है . लेकिन हमारे आस पास कोई लोग ऐसे है जिन्हे बहुत कम पसीना आता है . 

हमने ऐसे लोगो को भी देखे है जिन्हे ज़्यादा पसीना अत है . 

दोनों सेचुएशन सेफ या खतरनाक। पसीना निकलना क्यों जरुरी है और पसीने से आने बालि बदबू  को कैसे दूर कर सकते है . इस पर आज बाथ करेंगे  । 

सरीर से पसीना क्यों निकल ता है - सरीर एक मशीन की तरह है . जब हम मेहनत बाला कोई काम करते है तो हमारा सरीर बेसे ही गर्म होने लगता है,जैसे देर तक चलने  की बजह से कोई मशीन गर्म हो जाती है . 

जैसे कार के इंजन को ठंडा करने के लिए कूलेंट होता है . लैपटॉप , कंप्यूटर मैं हीट सक्शन , एग्जोस्ट या कूलिंग फैन लगे होते है . उसी तरह सरीर को ठंडा करने के लिए पसीना आना जरुरी होता है . 

पसीना ग्लेंड्स से पानी की रूप मैं स्किन के जरिये बाहार निकलता है,जो इबो परेट होता है . इसे सरीर को ठंडक मिलती है . इसी की बजह से हम गर्मी मैं लू से बचते है . 

पसीनो मैं से प्रोटीन , अमोनिआ  , युरिअ , नमक , लेक्टिक , एसिड और चीनी होते है . 

असल मैं पसीने के जरिए सरीर मैं मौजूद टॉक्सिन बहार निकलते है . इस लिए ये सेहत के लिए अच्छा होता है . 

पसीना आने से सरीर के रोम छिद्र यानि पोर्स खुल जाते है. जिसे सरीर की सारी  गन्दगी और जर्म्स बहार निकल जाते है . ये सरीर के साथ - साथ स्किन को भी हेअल्थी रखता है . 

 वर्कआउट करते समाय पसीना निकलना जरुरी है. ऐक्सेर साइज़  करने से ब्लड फ्लो बढ़ता है,इसे बॉडी टेम्प्रेचर भी बढ़ता है . 

इस बजह से धड़कने तेज हो जाती है . ऐसे मैं पसीना सरीर के टेम्प्रेचर को बैलेंस करता है और आप को बेहोस होने से बचता है . दूसरी एक्सेरसाइज  करते समाय मसल्स  ज़्यादा हिट होती है . इस समाय भी सरीर को ठंडा रखने के लिए ज़्यादा पसीने की जरुरत पड़ती है . 

पसीना न आना - पसीना न आने पर सरीर गर्म होने लगता है . जिसे हेल्थ रिलेटेड कोई तरह की प्रॉब्लम हो सकती है . जैसे - 

1 . इसे सरीर का टेम्प्रेचर बैलेंस  नहीं हो पाता है . दिमाग , लिवर , लंग्स , डैमेज  हो सकते है . 

2 . अगर एक्सेर  साइज और कड़ी मेहनत के बाद मैं पसीना नहीं आता , हार्ट स्ट्रोक का खतरा हो सकता है . 

3 . अगर बिलकुल पसीना नहीं आता है तो इस सीचुएशन को अँहीड्रोसिस या हाइपो हीड्रॉसीस कहा जाता है . डॉक्टर से कंसल्ट  करना चाहिए,इंटरनेशनल हाइपर हीड्रोसीस सोसाइटी ने इसे जान लेबा बताया है . कुछ मामलो मैं जब ब्यक्ति को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता,तो बो कोमा मैं जा सकता है . 


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