उपरी पेट मैं दर्द क्यूँ होता है?और इसका कारण क्या है?

 उपरी पेट मैं दर्द क्यूँ होता है?और इसका कारण क्या है?

उपरी पेट मैं दर्द आप की पसलियों और नाभि के बिच स्तित अंगो मैं और उत्तको मैं उत्पर्न होता है.उपरी उदर गुहा मैं यकृत,पित्त सय,अग्नासय ,गुर्दे अमासय पित्त नलीकाए और बड़ी आंत का एक भाग स्तित होता है.पेट के उपरी हिस्से मैं दर्द अक्सर किसी अंग से सुरु होता है.हालाकि उस खेत्र की मनस पेशियों और उदर गुहा के परत की उतक भी इसमें शामिल हो सकते है.कभी,कभी,आपको रेफर्ड पैन महसूस हो सकता है,जो छाती और पेट के निचले हिस्से मैं सुरु हो कर उपरी पेट तक फेल जाता है.

अपच

अपच जिसपे डीस्स्पेसिया भी कहा जाता है,एक सामान्य स्तीती है जिसके  लक्ष्यण एस प्रकार है.

1.पेट के उपरी हिस्से मैं दर्द 

2.पेटदर्द या परेशनि 

3.सुजन 

4.पेट मैं जलन 

5.जी मीचलाना 

6.उलटी करना 

7.भोजन के दोरान जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होना.

8.अत्यधिक् गैस 

अपच के कई चिकिसिया और जीबनसैली संबंधिय कारन है,जिसमे शामिल है 

1.पेट के अल्सर 

2.पेट की सुजन 

3.GERD 

4.जिबाणु जनित पेट संक्रमण 

5.पित्तसय की संक्रमण 

6.पित्तसय की सुजन 

7.पितासय की सुजन 

8.पित्तसय की पथरी 

9.धूम्र पान 

10.अत्यधिक् कैफीन 

11.अत्यधिक खाना 

12.मसाले दार और बसा युक्त भोजन खाना 

13.तनाब 

14.चिंता 

अपच के उपचार मैं जीबन सैली मैं परिबर्तन,जैसे की उत्तेजक खाद्य पदार्थो से बचना और कैफीन या अल्कोहल का सेबन मत करना,से लेकर ओवर थे काउंटर (ओ टी सि )और प्रेपक्रिपसन शामिल दबाइ शामिल है.

गैसट्राइटिस  पेट की परत के उतकों के सुजन है.आप को तीब्र गेसट्राइटिस अचानक होता है,फिर ठीक हो जाता है.या दीर्घ कालिक लम्बे समय तक रहने बाला सुजन और सुजन हो सकती है.गैसट्राइटिस दो प्रकार के होते है 1.क्ष्यरण कारी 2.गेर क्ष्यारणकारी 


काटने बाला जठर शोध -इरोशिव गैसट्राइटिस मैं बे स्तितियाँ शामिल है जो पेट की परत को नस्ट कर देती है और अल्सर का कारण बन ती है.इस प्रकार के  गैसट्राइटिस के कारन होते है.

1.नॉन स्टेराइडाल एंटी -इम्फ्लेमेटेरि दबाए 

2.एस्पिरिन 

3.स्वप्रतिरक्षी रोग 

4.सराब उपयोग बिकार 

5.अचानक बीमारी या चोट 

गेर क्ष्यरण कारी जठर शोध-नॉन एरोसिव गेसट्राइटिस गैसट्रिक ग्रंथियों को प्रभाबित कर सकता है,लेकिन पेट की परत को नुकसान नहीं पहुंचता,यह प्रकार आम तर पर एच् -पाई लोरी के कारन होता है.जिबाणु संक्रमण के साथ साथ यहाँ वायरल या फंगल संक्रमण से भी सुरु हो सकता है.

लक्ष्यण 

गैस ट्राइटिस के लक्ष्यन मैं शामिल है 

1.उपरी मध्य पेट मैं दर्द (जिसे अक्सर सुस्त,तेज,जलन,दर्द या कुतर ने जैसा बताया जाता है.

2.मतली या उलटी 

3.डकार 

4.सुजन 

5.भूक मैं कमी.

6.अपस्तीकृत बजन घटना 

गैसट्राइटिस का इलाज उसके कारन के आधार पर अलग-अलग हो सकता है.बिकल्पो मैं शामिल है.

1.एंटा सीड -पेट के एसिड को बे असर करने मैं मदत करता है.

2.H2 ब्लाकअर्स  -पेट के एसिड को कम कर ने मैं मदत करता है.

3.प्रोटोन पंप अबरोधक (पिपिआइ) -पेट मैं एसिड के उद्पादक को धीमा करता है.

4.सुक्रालफेट-पेट की परत को अतिरिक्त अमला से  बचाता है.

5.बिस्मथ-पेट की परत को एसिड से बचाता है.

6.एंटी बायोटिकस -एच् पाईलोरी संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है.

गेस्ट्रो एसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD)

गेस्ट्रो एसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) रोग तब होता है जब आप का पेट का एसिड ग्रास नली मैं ऊपर की और बहता है.इसे ग्रास नली की परत मैं जलन होती है और निम्न लिखित लक्ष्यण दिखाई देते है.

1.पेट मैं जलन 

2.स्वर बेठना 

3.निगलने मैं कठीनायी 

4.जी मिचलाना 

5.छाती मैं दर्द 

6.खांसी 

7.उलटी करना 

8.ऐसा महसुसू होना की आपके गले मैं कोई गांठ हो 

9.नया या बिगड़ता हुआ अस्थमा

जीइआरडी तब बिकसित होता है जब ग्रास नली और पेट के बिच स्तित पसिया बल्ब ,निचला ग्रास नली स्प्रिन्ग्टर एलइएस कमजोर हो जाता है.कमजोर एलइएस पेट के एसिड को बापस आने देता है .


जीइआरडी उपचार मैं बिकल्प मैं बजन कम करना ,ट्रिगर करने बाले खाद्य पदार्थो से बचना और धुम्रपान छोड़ना शामिल है.बिना डॉक्टर के पर्चे मैं मिलने बाले एनटा सिड ,एच् 2 ब्लाकअर्स  या प्रोटोन पंप इनहीबिटर (पिपि आई)पेट मैं एसिड के उद्दपान को रोका या दबा सकते है.गंभीर मामलो मैं ,निसेंन फंडोप्लीकेसन नामक सर्जरी की जाती है.

पेट में जलन -सिने मैं जलन एसिड रिफ्लक्स ,GERD और पेट के उपरी हिस्से की अन्य समश्यों का एक लक्ष्यण है .जब पेट का एसिड ग्रास नली मैं पहुँचता है ,तो आपको सिने मैं जलन और दर्द का अनुभब होता है.कुछ मामलो मे ,पेट का एसिड आपके के गले मैं पहुँच सकता है.जिसे कडबा और खट्टा स्वाद आ सकता है.

खाने के बाद,लेटने मैं या झुकने पर यह बेचेनी और भी बढ़ जाती है.अगर आप मसाले दार खाना खाते है या तंग कपडे पहन ते है ,तो आपके सिने मैं जलन होने की संभाबना ज्यादा होती है.

कभी -कभार सिने मैं जलन होना आम बाद है और सायद ही कभी इसे दीर्घकालिक स्वस्त्य समस्या होती है .बार बार होने बलि सिने मैं जलन GERD का प्राथमिक लक्ष्यण है,जो ग्रास नली के क्ष्यरण का कारन बन सकती है.

पित्तसय की थेली रोग-

पित्तसय पेट के दाहिनी और यकृत के निचे स्तित होता है.पित्तसय के बीमारी मैं कई स्तितीय शामिल है.कोलेसीसटीसिस्ट सुजन टुमोर और पित्त पथरी.

पित्तसय की पथरी 

पित्तसय मैं पित्त जमा होता है,जो एक हरा पिला तरल पदार्थ है जो बसा को तोड़ कर पाचन मैं सहायता करता है,स्वस्त होने पर,यह पित्त पथरी बनता है ,ये पित्त पथरी गोल्फ की गेंद की जितनी बड़ी या रेत के दाने जितनी छोटी हो सकती है.

पित्तसय की पथरी बाले कई लोगो मैं कोई लक्ष्यण नहीं दीखते है.और सरीर उन्हे मल की माध्यम से बहार निकल देता है.अगर पित्तसय की पथरी पित्तसय या पितनलीकाओं मैं फस जाती है.तो आपको निम्न लक्ष्यण दिखाई देते है.

1.पेट के उपरी दाहिने हिस्से मैं या उरोस्थि के निचे बिच मैं अचानक या तीब्र दर्द 

2.दर्द जो लगातार बढ़ता रहता 

3.कंधे की हड्डियों के बिच या दाहिने कंधे मैं दर्द 

4.मतली या उलटी 

5.अपच 

6.पिलियां 

अगर सरीर पित्त पथरी को अपने आप बहार नहीं निकल पता,तो ऐसी दबाएँ उप लब्ध है जो उन्ह् घोलने मैं मदत कर सकती है.या तो  फिर आपको सर्जरी की जरुरत पद सकती है .

आपका स्वस्त सबा प्रदाता ऍनडरोकॉपी रेसटोरोगेट  कोलेंगियो पेक्रींनिअटोग्राफी नामक प्रक्रिया द्वारा सल्य चिकिश्य द्वारा पित्त पथरी को निकल शकता है.यदि पूरी पित्त सय की थेली को निकल ना अबश्यक हो ,तो यह कोलेसिस्टेटोकमि नामक सर्जरी द्वारा किया जाता है.

यकृत रोग  

कई यकृत रोग है जो पेट के उपरी हिस्से मैं दर्द पैदा कर सकते है.जिन मैं शामिल है.

1.सिरोसिस 

2.यकृत फोड़ा 

3.यकृत कैंसर 

4.बयारल हेपाटाइटिस 

5.ऑटोइम्यून हेपाटाइटिस 

6.रक्तबर्नकता 

7.गेर अल्कोहोलिक फेटिलीवर 

8.अल्कोहोलिक फेटिलीवर रोग 

9.प्राथमिक पित्त बहिनी सोत 

10.प्राथमिक स्सलेरोसिंग कॉलेंजाइटिस 

दर्द के अलावा ,या इसके स्थान पर,आपको निम्न लिखित मैं से कोई भी लक्ष्यन अनुभब हो सकता है.

1.पीलिया 

2.अति रिक्त तरल पदार्थ के कारन पेट मैं सुजन 

3.पैर और टखने मैं सुजन 

4.खुजली बालि त्वचा 

5.गहरे रंग का मूत्र 

6.थकान या कमजोरी 

7.मतली या उलटी 

8.बजन घटना 

9.चेहेरे या छाती पर मकड़ी जैसी रक्त बाहीकाए 

10.चमकदार लाल रंग 

यकृत रोग के ऊपचार मैं जीबन सैली मैं परिबर्तन और दबाओं से लेकर किसी भी अंतर निहित स्तिति का उपचार और सबसे गंभीर मामलो मैं यकृत प्रत्यरोपण तक शामिल है.

गुर्दे की स्तिति 

आपके गुर्दे आप की पस्लिओं के ठीक निचे होते है,और रीड के हड्डी के दोनों और एक एक गुर्दा होता है.गुर्दे की समस्याओ की कारन होने बाला दर्द आपकी पसलीया के निचे जैसा महसुसू हो सकता है.या,यहा दर्द आपके पेट निचले हिस्से या कमर तक फ़ैल सकता है.


गुर्दे की कुछ स्तितियाँ जो पेट की उपरी हिस्से मैं दर्द का कारण बन शक्ति है,उनमे मैं शामिल है 

1.गुर्दे की पथरी 

2.गुर्दे मैं संक्रमण 

3.पलीसिस्टिक किडनी रोग 

4.मुत्रिय अबरोधन 

5.चोट या अघात 

6.गुर्दे का कैंसर 

7.दिर्घकालिक ब्रूकग रोग 

सुजन पैदा करने बलि कोई भी स्तिति गुर्दे को नुकसान पहुंचा शक्ति है और क्रोनिक किडनी रोग का कारन बन शक्ति है.जो एक ला इलाज स्तिति है जो गुर्दे की बिफलाता मैं बदल शक्ति है.

गुर्दे की समस्यों की उपचार मैं पथरी निकल न,दबा इ यां,आहार मैं परीबर्तन ,डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यरोपण शामिल हो सकते है.

पोस्टिक और दुआडेनल अल्सर 

पोस्टिक अल्सर एक खुला घाब है जो पेट या गृहणी मैं बिकसित होता है .(छोटी आंत का पहला भाग)यदि केबल अमासय प्रभाबित होता है.तो इसे गैस्ट्रिक अल्सर कहते है ,यदि केबल गृहणी प्रभाबित होती है,तो इसे गृहणी सम्बन्ध अल्सर कहते है.

सबसे आम कारन एच् पाइलोरी द्वारा संक्रमण ऐडबिल (इबू प्रोफेन)और एलेबे (नेप्रोकसन )जैसी नॉन स्टेराइडल एंटी इम्फ्लामेटेरी दबाओं (एनएसऐआइडी )का दीर्घा कालिक उपयोग है.

पोस्टिक अल्सर के लक्ष्यन मैं शामिल है 

1.पेट के उपरी हिस्से मैं बेचेनी या दर्द ,नाभि और ओरोस्ती के बिच मैं कही भी 

2.सुजन 

3.डकार 

4.खाना खाते समय जल्दी पेट भर जाने का अहसास होना 

5.खाने के बाद असहज महसूस करना 

6.समुद्री बीमारी और उलटी 

7.सिने मैं जलन 

लक्ष्यानो को एंटा सिड ,H 2 ब्लॉकरस और प्रोटोन पंप अबरोधक से नियंत्रित किया जा सकता है.

यदि एच् पाइलोरी संक्रमण का कारन है ,तो आपका स्वस्त सेबा प्रदाता संक्रमण को दूर करने के लिए एंटी बायोटिक दबाओं और बीसमंथ का संजोयन लिख सकता है.संक्रमण  को ख़तम करने के लिए कई प्रयाश और एंटी बायोटिक दबाओं के बिभिन्न संयोजन की आबश्यकता हो सकती है.

अग्नासय सोथ 

अग्नासय पेट के पीछे स्तित एक ग्रंथि है.यह इन्सुलिन और भोजन को पचाने बाले एंजाइम उत्पर्न्ना करता है.जब यह अंग सूज जाता है और उसमे सुजन आती है,तो आपको अग्ना सयसोध हो जाता है.

अग्नसय शोध के कई कारन है ,जिनमे शामिल है.

1.अबरुद्ध पित्तनली काऐ 

2.अत्यधिक सराब का सेबन 

3.उच ट्राग्रीसराइड 

4.उच् कैल्शियम 

5.पुटीय तंतु शोध 

6.अग्नासय का कैंसर 

7.चोटे,सल्ल्या चिकिश्या या अघात के कारन 

8.स्टेरॉयड,एस्ट्रोजेन और थीयाजाइड  मूत्र बर्धक सहित कुछ दबाए 

आप के अचानक तीब्र अग्नसाया सोत के लक्ष्यन दिखाई दे सकते है या पुराणी सुजन हो सकती है.दोनों ही लक्ष्यन इस प्रकार के है.

1.पेट मैं तेज दर्द 

2.जी मिचलाना 

3.उलटी करना 

4.बुखार 

5.तेज दिल की धड़कन 

6.उपरी पेट मैं सुजन और कोमलता 

7.पेट मैं तरल पदार्थ का जमाब 

8.पिलियां 

ज़्यादातर लोगो के अग्नसय को आराम देने और अंत सिरा द्रब दर्द निबारक और एंटीबाओटिक  लेने के लिए अस्पताल मैं भरती होने की जरुरत होगी.अन्य उपचारों मैं आहार मैं बदलाब ,धूम्र पान और सराब पीना बंध करना ,एनजाइम सप्प्लिमेंट लेना,दबाइया लेना और स्थाई रूप से क्षयति ग्रस्त उतकों को हटाने के लिए सर्जरी शामिल है.

मांस पेशिओंमैं तनाब

आपके उपरी पेट की कोई भी मानसपेशी खिंच सकती है,सूज शक्ति है या फट सकती है .ये चोट अक्सर तब होती है जब -

1.भारी बस्तुओं को उठाना 

2.गहन बयाम मैं संगलगन  होना 

3.गंभीर या लम्बे समय तक खांसी या छिक आना 

4.अपने उपरी सरीर को अचानक मोड़ना 

5.दूरघटनाए और  चोटे 

आप अक्सर मानसपेशियों मैं घिचाब को निम्नलिखित लक्ष्यानो से पहचान सकते है 

1.हलके से लेकर गंभीर तीब्र दर्द 

2.स्पर्स करने पर कोमलता 

3.हिलने डुलने पर दर्द बढ़ जाना 

4.कमजोर मानसपेशियों 

5.मानसपेशियों मैं ऐठन 

6.चोट 

7.कठोरता 

सदमा 

पेट मैं चोट लगने पर मानसापेशियों ,पेट की परत और उतकों और किसी भी अंग को नुकसान पहुँच शकता है.पेट मैं चोट लगने और कुंद चोट लगने के सामान्य कारणों मैं कार दुर्घटनाए मारपीट गिरना और मनोरंजन के दोरान होने बलि दूर घटानाए शामिल है.

अगर आपकी उपरे पेट के हिस्स्से मैं दर्द किसी चोट के कारन हो रहा हो ,तो आपको अपने स्वस्त सेबा प्रदाता से मिलना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके की आपकी मानसापेशियों फटी हुई नहीं है या कोई आतंरिक चोट नहीं है.

पेट की महाधमनी मैं फैलब 

महा धमनी एक बडी धमनी है जो हृदय से आपके सरीर के बाकि हिस्सों तक रक्त पहुंचती है .यहाँ धमनी आपके छाती या पेट से हो कर गुजर ती है.

महाधमनी धमनीबिसफर यहाँ तब होती है जब धमनी की दीबर एक उभरी हुई थेली बन जाती है.धमनी से हो कर बहने बाला रक्त इस उभार मैं प्रभाबित होता है ,धीरे धीरे इसे बड़ा करके रक्त से भरदेता है.जब यह बहुत बड़ा हो जाता है,तो यह फट सकता है ,जिसे रक्त आपके पेट मैं प्रभाबित हो सकता है.

आपको पस्लिओं और नाभि  के बिच कहीं भी उदार महाधमनी धमनीबीसफर हो सकता है.धमनी बिसफर का खतरा तब ज्यादा होता है जब आप.

1.65 बर्स से अधिक उम्र के है 

2.महाधमनी धमनीबिस्फर का पारिबारिक इतिहाश होना 

3.सिगरेट पीना 

4.हृदय सम्बन्धी कोई समस्या हो 

5.उच्छा रक्त चाप 

6.उच्छ कोल्लेस्टट्रोल है 

7.गुर्दे की बीमारी है 

महाधमनी धमानिबिस्फार बढ़ने पर धीरे धीरे लक्ष्यन पैदा कर सकता है ,या अगर उसमे से खून रिश्ता है  या बहा फट जाता है.तो आपको अचानक लक्ष्यन दिखाई दे सकते है.धमनी बिस्फर के लक्ष्यानो मैं शामिल है 

1.अचानक गंभीर पेट या पीठ मैं दर्द 

2.दर्द जो नितम्बो ,कमर या पेरो तक फैलता है 

3.चक्कर आना 

4.समुद्री बीमारी और उलटी 

5.चिप चिपी त्वचा 

6.तेज हृदय गति 

7.होश खो देना 

हड्डी का टूटना एक चिकिसिय आपात स्तिति है जिसके लिए तत्काल उपचार की अबस्यकता होती है.

उलिखित दर्द 

बहा दर्द जो एक जगह से सुरु हो कर सरीर के किसी दुसरे हिस्से मैं असुबिधा पैदा करता है ,उसे रेफार्ड पेन कहते है .हृदय और फेपड़ो की समस्या ऐ और पेट के निचले हिस्से मैं समस्याऐ आपके के पेट के उपरी हिस्से मैं महसुसू होने बाले रेफोर्ड पैन का कारन बन शक्ति है.

उदाहरण के लिए दिल का दोरा पड़ने से पेट मैं दर्द हो सकता है.ओपेंडी साइटीस का दर्द अक्सर आपकी नाभि के आस पास सुरु होता है,और पेट के निचले हिस्से की बजाय उपरी हिस्से मैं ज्यादा महसुसू होता है.

रेफोर्ड पेन दोनों तरफ से काम करता है.आपके पेट मैं उपरी हिस्से मैं कोई ऐसा समस्या हो सकती है जिसे दर्द किसी अलग जगह पर हो.यह 3 उदाहरण दिए गए है.

1.अग्नासयसोथ के कारन पीठ के निचले हिस्से मैं दर्द हो सकता है.

2.गृहणी अल्सर के कारन कंधे मैं दर्द हो सकता है.

3.गैस्ट्रिक अल्सर के कारन पेट की दीबार मैं दर्द हो सकता है.

चिकिस्य देखभाल कब ले 

यदि आपको एक सप्ताह या उसे अधिक समय तक हल्का दर्द हो या दर्द के साथ अन्य लक्ष्यन (मतली,उलटी,निगलने मैं कठी नायी,पिलियां आदि)हो तो अपने  स्वस्ता सेबा प्रदाता से परामर्स करे.

यह सुनिश्चित करने के लिए आपको दीर्घ कालिक समस्याऐ या प्रगतिसिल अंग क्षयति न हो.सटीक निदान और उपचार प्राप्त करना अबश्यक है.

पेट के उपरी हिस्से मैं दर्द भी ऐसी स्तिति का संकेत हो सकता है जिसमे तत्काल चिकिस्य की अबस्यकता हो.

आपात कालीन उपचार कब ले

अगर आपको निम्नलिखित मैं से कोई भी लक्ष्यन दिखाई दे तो निकटतम आपात कालीन  कक्ष्या मैं जाये 

1.अचानक तेज दर्द,पेट दरद ,जो ठीक नहीं होता 

2.छाती या कंधे मैं दर्द या दबाब 

3.स्पर्स करने पर दर्द या कोमलता 

4.कठोर,सक्त पेट 

5.खून की उलटी 

6.आपके मल मैं खून 

7.साँस लेने मैं दिक्कत 

8.चोट के कारन दर्द 

9.दर्द कई दिनों तक रहता है 

10.गर्बह्स्ता के कारन गंभीर दर्द 

11.कोई दिनों तक भोजन को पचान पाना 

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